10 गुना मुनाफा देने वाली करेले की खेती से लाभ उठाने वाले किसान जानते हैं कि कौन-से बीज अधिक फायदा देते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि एक किसान करेले की खेती में सफलता प्राप्त कर सकता है।

10 गुना मुनाफा देने वाली करेले की खेती
करेले की खेती करके किसान १० गुना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन इसके लिए सही बीज और खेती की सही प्रणाली चुनना होगा। तभी किसान सफल होगा। इसलिए आज हम करेले की खेती कैसे करें, कौन से बीज का इस्तेमाल करें और एक एकड़ में कितने कुंटल की पैदावार और कमाई होगी? यह सभी जानकारी ले जाएगा। ताकि आप आसानी से करेले की खेती करके लाखों रुपये कमाना चाहते हैं।
तो पहले करेले की खेती कैसी है. फिर एक एकड़ में क्या खर्च होता है और कितनी कमाई होती है।
करेले की खेती कब और कैसे करें
आज हम करेले की खेती की बात कर रहे हैं क्योंकि कई किसान सालों से करेले की खेती करके लाखों रुपए कमा रहे हैं। जाल बनाकर करेले की खेती करने वाले हरदोई जिले के एक किसान ने हर हफ्ता अच्छी कमाई की है। जिसमें उन्होंने बताया कि करेले की खेती में बीजों की अच्छी गुणवत्ता जमाव के लिए ३० डिग्री और अच्छी पैदावार के लिए ३५ डिग्री तक का तापमान अच्छा होता है।
यानी गर्मी वाले क्षेत्र में करेले की खेती अच्छी तरह से की जा सकती है। जब बात बीज की आती है, आर्का हरित करेले का बीज अच्छा माना जाता है। किसान इससे सफल हुआ है। उनका कहना है कि इससे एक बेल में लगभग पच्चीस करेले मिल जाते हैं और यह लंबा और वजनी होता है। इसका वजन लगभग सौ ग्राम रहता है। जिसमें 50 क्विंटल करेले की पैदावार एक एकड़ में बो दी जाएगी।
करेले की खेती के लिए अच्छी मिट्टी बलुई-दोमट है। यदि आप गर्मियों में करेला बोना चाहते हैं, तो मई से जून तक की बरसात में करेला बो सकते हैं. ठंड में करेला बोना चाहिए, तो जनवरी से फरवरी तक। इसके लिए करेले की खेती में सबसे पहले जमीन तैयार करेंगे और गोबर की खाद डालकर अच्छे से जुताई करेंगे। जिससे जमीन फूल जाएगी।
आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि करेले की खेती ऐसे खेत में करें जहां पानी भर नहीं जाता। बल्कि जल निकासी के लिए अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। जो किसान एक एकड़ में करेले की खेती कर रहे हैं उन्हें तकरीबन 600 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी। इसलिए इतने बीजों की व्यवस्था करनी पड़ेगी। जिसमें बीजों की बुवाई करने के लिए मिट्टी में दो से तीन इंच का गढ्ढा करना चाहिए।
जिसमें एक क्यारी से दूसरी क्यारी की दूरी 2 मीटर रहती है। वही पौधों के बीच की दूरी की बात करें तो 70 सेंटीमीटर तक कर सकते हैं। इतना ही नहीं बुवाई करने के बाद किसान को खेत से अनावश्यक घास निकालने होंगे और देखना पड़ेगा कि कहीं कोई रोग या कीट तो नहीं लग रहा। यदि ऐसा है, तो खरपतवार और कीट नियंत्रण में विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। अब जानते हैं कि करेले की खेती में किसान को कितना निवेश करने पर क्या लाभ मिलेगा।
करेले की खेती में निवेश और कमाई
करेले की खेती से कमाई की बात करें तो, जैसा कि हमने पहले ही बताया है, किसान खेती से दस गुना अधिक लाभ लेते हैं। यही कारण है कि एक एकड़ में करेले की खेती करने के लिए एक किसान को लगभग ३० हजार रुपये का निवेश करना होगा, और इससे आसानी से ३० हजार रुपये प्रति एकड़ कमाया जा सकता है। लेकिन इसके लिए किसान को जानना होगा कि वह करेले को कौन-से बाजारों में बेचेंगे। क्योंकि किसान को सही बाजार नहीं मिलेगा तो उनकी कीमत भी अच्छी नहीं मिलेगी और माल की बिक्री भी नहीं होगी।
खेती करने से पहले किसान को बिक्री के बारे में भी विचार करना चाहिए। ताकि उत्पादों को उचित बाजार भी मिल सके। याद रखें कि सफल करेले किसान अपने राज्य और आसपास के राज्यों में अच्छी कमाई कर रहे हैं।
करेले की खेती से किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं, खासकर अगर सही किस्म के बीजों का चयन और उन्नत कृषि तकनीकों का उपयोग किया जाए। यहां बताए गए उपायों से आप भी 10 गुना तक मुनाफा कमा सकते हैं:
1. करेले की उन्नत किस्में चुनें
करेले की खेती के लिए उन्नत किस्म के बीज बेहद जरूरी हैं। कुछ प्रमुख किस्में हैं:
- पूसा विशेष: यह किस्म अधिक उपज देती है और बाजार में इसकी मांग अधिक है।
- अर्का हरित: यह जल्दी फल देती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है।
- हाइब्रिड किस्में: हाइब्रिड बीजों से फसल का उत्पादन अधिक होता है, जैसे कि “F1 हाइब्रिड”।
2. भूमि का चयन और तैयारी
- बलुई दोमट मिट्टी करेले की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है।
- मिट्टी की pH 6.0 से 7.0 होनी चाहिए।
- खेत में अच्छी तरह से गोबर खाद या जैविक खाद डालें।
3. बीज की बुवाई का सही समय
- ग्रीष्मकालीन फसल: फरवरी से मार्च
- बरसाती फसल: जून से जुलाई
- शीतकालीन फसल: सितंबर से अक्टूबर
4. सिंचाई और देखभाल
- करेला बेल वाली फसल है, इसे चढ़ाने के लिए ट्रेलिस (मचान) सिस्टम का उपयोग करें।
- सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन पद्धति अपनाएं, जिससे पानी की बचत होगी और फसल तेजी से बढ़ेगी।
5. कीट और रोग प्रबंधन
- कीटों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
- रोगों से बचाव के लिए फसल चक्र अपनाएं और खेत को साफ-सुथरा रखें।
6. उपज और मुनाफा
- सही देखभाल से करेला प्रति एकड़ 80-100 क्विंटल तक उपज दे सकता है।
- बाजार में करेले की कीमत ₹20-₹40 प्रति किलो होती है, जिससे किसान को लाखों की कमाई हो सकती है।
7. प्रसंस्करण और विपणन
- करेले को स्थानीय मंडियों, सुपरमार्केट और प्रोसेसिंग यूनिट्स में बेचें।
- करेले का अचार और जूस बनाने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है, जिससे अतिरिक्त मुनाफा होता है।
अगर सही तकनीक और किस्मों का चयन किया जाए, तो करेला की खेती किसानों के लिए एक बहुत ही लाभदायक व्यवसाय बन सकती है।